सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 ll RTI Act 2005(2023)

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, 12 अक्टूबर 2005 को लागू किया गया था. इससे पूर्व 15 जून 2005 को इसे अधिनियमित किया गया था. यह अधिकार जनता के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत बड़ा हथियार साबित हो रहा है.इसे आरटीआई एक्ट(RTI Act) के नाम से भी जानते हैं.सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 या राइट टू इन्फोर्मेंशन का अर्थ सूचना पाने के अधिकार से है. इस अधिकार के द्वारा कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी विभाग की जानकारी मांग सकता है,इस अधिकार के द्वारा भ्रष्टाचार पर बहुत हद तक लगाम लगाई जा सकती है. हर सरकारी विभाग मैं लोक सूचना अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है.

सूचना का अधिकार 2005 क्या है विस्तार से समझाइए ?

नमस्कार दोस्तों आज हम आपको सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत सड़क मरम्मत का विवरण कैसे हासिल करें? ईस विषय पर बात करेंगे. दोस्तों क्या आपके शहर, कस्बा, गांव,मोहल्ला, गली की सड़कें खराब है. उनकी मरम्मत नहीं होती है या कहीं ऐसा तो नहीं है कि किसी खास सड़क की मरम्मत साल में दो-तीन बार की जाती है. सड़क या किसी भी सरकारी योजना से संबंधित कोई भी सवाल आपके मन में हो तो आप जन सूचना अधिकार के जरिए से समस्या का समाधान ले सकते हैं. आखिर देखा गया है कि सड़क निर्माण जैसी योजनाएं भी सरकारी प्रक्रिया में फस कर आमतौर पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ जाती हैं. ऐसे अनेक मामले देखने को मिलते हैं. जिनमेें ठेकेदार से लेकर इंजीनियर, सरकारी अधिकारी तक सड़क निर्माण मे लूट मचाए हुए हैं.एक सजग नागरिक और जागरूक नागरिक होने के नाते आप आरटीआई का इस्तेमाल करते हुए ऐसी लूट और भ्रष्टाचार को खत्म कर सकते हैं,साथ ही अपने इलाके की सड़कें भी जरूर बनवा सकते हैं. हम नीचे आरटीआई के अंतर्गत कैसे आवेदन करना चाहिए किन-किन बिंदुओं को इसमें शामिल करना चाहिए जिससे कि आप अपने गांव शहर या मोहल्ले की सड़क से ही करवा सकें.

सूचना का अधिकार अधिनियम 2005

आप चाहे तो अपना आरटीआई अनुभव हमारे साथ भी साझा कर सकते हैं जिसे हम सूचना बोर्ड में आपके नाम और फोटो के साथ प्रकाशित करेंगे क्या आप जानना चाहते हैं कि आरटीआई के लिए आवेदन कैसे किया जाता है? कैसे अपने क्षेत्र के कार्यों का विवरण प्राप्त कर सकते हैं? हम आपके अनुभव, आपके विचार,आपकी समस्याएं आपके फोटो के साथ सूचना बोर्ड में प्रकाशित करेंगे. जिसका अन्य लोग लाभ उठा सकते हैं और आरटीआई(RTI) के द्वारा अपने क्षेत्र में जन जागरूकता ला सकते हैं. तो हम ठीक है बिना देर किए हुए आपके सामने RTI के क्या फायदे है? RTI मांगने का प्रारूप भी आपके साथ शेयर करेंगे.

सूचना अधिकार अधिनियम 2005(RTI) के फायदे

1- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत बड़ा हथियार है.

2- सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आप किसी भी सरकारी, अर्ध सरकारी या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान का ब्यौरा मांग सकते हैं.

3- किस अधिनियम के द्वारा आम नागरिक को यह अधिकार प्राप्त है क्यों है किसी भी सरकारी अर्ध सरकारी संस्थान का या उसके द्वारा कराए गए कार्यों का विवरण मांग सकता है.

4- इस कानून के आने से सरकार के कार्यों में पारदर्शिता देखने को मिल रही है.

5- इस अधिनियम के अंतर्गत सरकार की गोपनीय एवं सुरक्षा से संबंधित जानकारी नहीं मांग सकते हैं.

6- सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लोगों ने बहुत सी ऐसी जानकारियां प्राप्त की है, जो जनसामान्य के जन जीवन में बहुत ही प्रभावी सिद्ध हुई है.

7- आजकल आरटीआई का बहुत चलन है जब सामान्य लोगों को परेशानी होती है तू है आरटीआई के अंतर्गत सूचनाएं मांग कर अपनी समस्याओं का हल निकाल लेते हैं.

8- इस अधिनियम के अंतर्गत सभी गवर्मेंट डिपार्टमेंट, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, बिजली कंपनियां, बैंक, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, राष्ट्रपति, पुलिस, बिजली कंपनियां RTI एक्ट 2005 के अंतर्गत आते है.

9- RTI का उपयोग हम किसी भी सरकारी विभाग की राय जानने के लिए नही कर सकते.

10- इस अधिकार का उपयोग हम तथ्यों की जानकारी पाने के लिए कर सकते है. जैसे, “डिस्पेंसरी में कितनी दवाइयां आती है? पार्क और साफ़ सफाई में कितना खर्च हुआ?किसी सरकारी दफ्तर में कितनी नियुक्तियां हुई?” इसके अलावा ” सड़क बनाने के लिए कितने पैसे आये? और कहा पर खर्च हुए?” गांव के विकास के लिए कितना पैसा आया और कहां-कहां किस मद में खर्च हुआ?

आरटीआई अधिनियम 2005 के तहत जानकारी कैसे प्राप्त करें?

1.आरटीआई के लिए आप किसी भी भारतीय भाषा में आवेदन कर सकते हैं.

2. किसी भी कार्य की सूचना पाने के लिए उस विभाग के जन सूचना अधिकारी के कार्यालय में एक सादा कागज पर आवेदन करना होगा जिसमें आप क्या-क्या सूचनाएं मांगना चाहते हैं उनका पूर्ण विवरण लिखना होगा.

3. आजकल इंटरनेट पर भी सूचना के अधिकार के अनेक फॉर्मेट मिल जाते हैं जिनकी सहायता से आप अपना आवेदन कर सकते हैं.

4. किसी भी विभाग में आरटीआई के लिए आवेदन शुल्क जमा करना पड़ता है, आवेदन का शुल्क मात्र ₹10 है जो आप भारतीय डाक विभाग के पोस्टल आर्डर द्वारा नगद भी जमा कर सकते हैं.

5. गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अर्थात बीपीएल कार्ड धारकों को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता है.

6. आवेदन पत्र की एक फोटो कॉपी अपने पास अवश्य रखें जो भविष्य में आपके काम आ सकती है.

7.सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना मांगने पर 30 दिन के अंदर सूचना उपलब्ध कराने का प्रावधान है.

8. 30 दिन में सूचना प्राप्त नहीं होती है, तो आप अपील कर सकते हैं.

9. सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आप आवेदन उस विभाग में उपस्थित होकर भी कर सकते हैं. जिस विभाग से आप जानकारी चाहते हैं या आवेदन डाक द्वारा भी भेज सकते हैं. आजकल बहुत से विभागों ने ऑनलाइन प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. जिसके माध्यम से आप घर बैठे सूचना प्राप्त कर सकते हैं.

10. अधिक जानकारी के लिए भारत सरकार की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं जिसका लिंक इस आर्टिकल के अंत में दिया हुआ है. हमने इस आर्टिकल में आवेदन पत्र का प्रारूप दिया है जिसकी सहायता से आप किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते हैं.

आवेदन का प्रारूप

सेवा में,

लोक सूचना अधिकारी या जन सूचना अधिकारी, विभाग का नाम,

विभाग का पता

विषय- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत आवेदन.

महोदय,

मेरे द्वारा नीचे सड़कों की सूची दी गई है इन सड़कों का विवरण देनें की कृपा करें.उपरोक्त सड़कों के संबंध में निम्नलिखित सूचना उपलब्ध कराएं.

नंबर 1- दिनांक से के बीच इनमें से प्रत्येक सड़क की मरम्मत कितनी बार हुई थोड़ी बहुत या बड़े पैमाने पर

नंबर दो – और यदि कार्य विभाग द्वारा कराया गया तो प्रत्येक ऐसे कार्य के संबंध में निम्नलिखित सूचनाएं उपलब्ध कराएं नंबर कार्य से संबंधित स्टॉक रजिस्टर की प्रति बा कार्य से संबंधित लीवर रजिस्टर की प्रति सा उन स्थानों की वास्तविक स्थिति का कार्य किया गया कार्य कब हुआ पा कार्य के लिए उपयोग की गई सामग्री का मिश्रण किया था नंबर चाहिए अधिकार ठेकेदार द्वारा कराया गया तो उससे संबंधित सूचना उपलब्ध कराएं मेजरमेंट बुक की प्रति एब्स्ट्रेक्ट रिकॉर्ड दोनों ही प्रविष्टियों का विवरण बा स्केच की गई प्रति सा हज के आकलन के विवरण की प्रति द एअर्थ कॉन्ट्रैक्ट में किसी प्रकार की गारंटी की व्यवस्था थी तो उसके विवरण की प्रति उपलब्ध कराएं तथा उन्हें तिथियों का विवरण दें जिसमें उठ गारंटी व्यवस्था प्रभावी होती है फागुन सहायक एवं कार्यपालक अभियंताओं के नाम बताएं जिन्होंने प्रत्येक कार्य का निरीक्षण किया और भुगतान की स्वीकृति दी उनके द्वारा कार्य के किस भाग का निरीक्षण किया गया हां क्या अब तक कभी गारंटी व्यवस्था का प्रयोग किया गया.

नंबर 4- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 203 की तहत में इन सड़कों के निर्माण में उपयुक्त सामग्री का विभाग द्वारा प्रमाणित नमूना लेना चाहता हूं.नमूना मेरे द्वारा चयनित स्थान से मेरी उपस्थिति में एकत्र किया जाए और यह सील बंद हो तथा विभाग द्वारा अबगत किया जाए कि सीलबंद नमूने का कार्य की सामग्री का असली नमूना है.कृपया मुझे दिन समय तथा स्थान की सूचना दें.जब मैं नमूना लेने के लिए आ सकूं.

नंबर 5- अब इन सड़कों की मरम्मत कब होगी. आवेदन शुल्क के रूप में ₹10 अलग से जमा कर रहा हूं. या ₹10 का पोस्टल ऑर्डर ऑर्डर संख्या संलग्न है या बीपीएल कार्ड धारक हूं. इसलिए सभी देशों से मुक्त मेरा बीपीएल कार्ड नंबर…

यह है यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग कार्यालय से संबंध में हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 63 का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन संबंधित लोक सूचना अधिकारी को 5 दिनों की कार्य समयावधि के अंतर्गत हस्तांतरित करें साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूचना उपलब्ध कराते समय प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम व पता अवश्य बताएं.

भवदीय

नाम-

पता-

फोन नंबर-

(संलग्नक यदि कुछ हो)

अधिक जानकारी के लिए भारत सरकार की वेबसाइट यहाँ पर दी गयी हैं.

https://rtionline.gov.in/

पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए आप लोगों का धन्यवाद उम्मीद करता हूं यह आर्टिकल आपको आरटीआई दाखिल करने में मदद करेगा. यह आर्टिकल आपके कार्यों में थोड़ा भी मदद देता है तो मुझे इस बात की खुशी होगी कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपके दैनिक जीवन में काम आ रही है यदि आप किसी भी प्रकार की और भी जानकारी चाहते हैं. तो आप कमेंट सेक्शन में जरूर लिखें हम आपके सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे.

Q1. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 कब लागू हुआ?

Ans. 12 अक्टूबर 2005 को सूचना का अधिकार अधिनियम भारत सरकार द्वारा लागू किया गया.

Q2. भारत मे सर्वप्रथम किस राज्य ने सूचना के अधिकार अधिनियम को लागू किया?

Ans. तमिलनाडु राज्य ने 1997 में सूचना के अधिकार (RTI)को लागू कर दिया था.

Q3. सूचना के अधिकार को सर्वप्रथम किस देश ने लागू किया था?

Ans. स्वीडन एक ऐसा देश है जिसने सूचना के अधिकार को सर्वप्रथम लागू किया था.

1 thought on “सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 ll RTI Act 2005(2023)”

Leave a Comment

mahjong slot

slot server thailand

starlight princess slot

slot bet 100 perak

bet 10 ribu

nexus slot

garansi kekalahan

https://siwscollege.edu.in/judi-bola/

joker123 slot

ceriabet

ceriabet

ceriabet