स्वयं सहायता समूह कौन कौन से कार्य करते हैं II Self Help Groups

स्वयं सहायता समूह कौन कौन से कार्य करते हैं?:-स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups)समाज के गरीब और निम्न आय वर्ग की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए इन समूहों का गठन किया जाता है. सरकार का उद्देश्य इन समूहों के माध्यम से देश के विकास में महिलाओं की भागीदारी को उचित प्रतिनिधित्व देने का है. हमारे देश में ग्रामीण क्षेत्रों में आय के साधन न होने के कारण गांव की महिलाएं अक्सर परिवार की आर्थिक मदद नहीं कर पाती हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए, ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों को गठित किया गया है. जिससे महिलाऐं परिवार की आर्थिक मदद के साथ-साथ देश की प्रगति में भी सहायक बने. आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि महिला स्वयं सहायता समूह कौन-कौन से कार्य करते हैं II Self Help Groups और कौन-कौन से कार्य हैं, जो स्वयं सहायता समूह के द्वारा किए जाते हैं. स्वयं सहायता समूह के माध्यम से दिए जाने वाले लाभ और सुविधाओं के साथ-साथ आज हम स्वयं सहायता समूह की पूरी जानकारी आपके समक्ष रखेंगे.तो इस आर्टिकल को पूरा पढे और अपने क्षेत्र मे,अपने गॉव मे स्वयं सहायता समूह बनाऐ या SHG ग्रुप बनाने मे लोगो की मदद कर सकते है और उनके जीवन मे वेल्यूएड कर सकते है. हम इस आर्टिकल के अंत मे एक लिंक भी देगे, जिस पर जाकर आप घर बैठे स्वयं सहायता समूह या Self Help Groups का गठन भी कर सकते है.

स्वयं सहायता समूह का मुख्य कार्य

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं के प्रति जागरूक करना है और आर्थिक रूप से उन्हें सशक्त बनाना भी है.

महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में आत्मविश्वास जगाना और उनकी सहायता करना भी.

महिलाओं को समूह के माध्यम से संगठित कर उन्हें स्वयं के उद्योगों के लिए प्रोत्साहित करना.

संगठन में शक्ति है जब महिलाएं इकट्ठा होगी तभी गरीब महिलाएं गरीब, अशिक्षा और समाज मे व्याप्त बुराई से लड़ पाऐगी.

समूह के सदस्यों के अंदर नेता बनने की आदत को विकसित करना अर्थात प्रत्येक महिला कोई भी बात को बेझिझक समाज के सामने रख सके.

ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार, स्वरोजगार व उद्यमता के लिए गरीब महिलाओं को बढ़ावा देना.

ग्रामीण क्षेत्र से शहरो की तरफ होने वाले पलायन को रोकना.

ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करना.

स्थानीय संसाधनों को पहचानना और श्रम आधारित नऐ रोजगारो का सृजन करने वाले क्षेत्रों को बढ़ावा देना.

हस्तशिल्प, हाथकरघा, कृषि, पशुपालन, सिलाई-कढाई जैसे कार्यों को बढ़ावा देना.

महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित विभिन्न खाद्यान्न सामग्रियों जैसी अचार, पापड़, दलिया, आटा, अगरबत्ती, मुरब्बा इत्यादि का व्यापार करके महिलाओं को बच्चों के भरण- पोषण के साथ-साथ देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान करना.

स्वयं सहायता समूह (SHG)क्या है ?

स्वयं सहायता समूह (SHG) ऐसे 10 से 20 लोगों का समूह है जिसमें आपस में अपनापन होने के साथ-साथ एक जैसे छोटे उद्योगों का ऐसा समूह जो अपनी आय से सुविधाजनक तरीके से छोटी – छोटी बचत करके और उसको समूह के फंड में सम्मिलित कर और उसे समूह के सदस्यों को उनकी उत्पादक और उपभोग जरूरत के लिए समूह द्वारा तय ब्याज, अवधि और समूह की शर्तों पर ऋण प्रदान कर समूह के सदस्यों को आत्मनिर्भर बनाना है.इसे देश के कुछ क्षेत्रो मे जीविका भी कहा जाता है.

स्वयं सहायता समूह की गठन प्रक्रिया

Self Help Groups मे कम से कम 10 से 12 महिलाओ का होना जरुरी है.जिसमे एक अध्यक्ष, एक कोषाध्याक्ष और तीन या चार महिलाओ को सचिव बनाया जाता है. बाकी महिलाऐ Self Help Groups की सदस्य होती है.

Self Help Groups का गठन कब हुआ?

Self Help Groups *SHG* योजना की शुरुआत 2007 में पूरे भारत के ग्रामीण क्षेत्रो की महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजना का प्रारंभ किया गया.

स्वयं सहायता समूह कौन कौन से कार्य करते हैं Self Help Groups

स्वयं सहायता समूह के नियम या पात्रता

समूह कम से कम 6 माह से सक्रिय होना चाहिए.

समूह ने अपने संसाधनों से बचत की हो और ऋण दिया हो.

समुचित खातों का रिकॉर्ड रखा हो.

लोकतांत्रिक तरीके से कार्य कर रहा होगा, सभी सदस्यों को कार्य करने की स्वतंत्रता हो.

एक दूसरे की सहायता करने के साथ-साथ आपस में मिलकर काम करने की भावना होनी चाहिए.

सभी सदस्यों के समान उद्देश्य होने चाहिए.

स्वयं सहायता समूह के कार्य

Self Help Groups कौन कौन से कार्य करते हैं

आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं के प्रति समाज को जागरूक करना.

लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना.

नई योजनाओं की जानकारी आपस में साझा करना.

स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं को ऋण उपलब्ध कराना.

सभी सदस्यों के साथ मिलकर समूह की विकास नीति बनाना.

समूह की महिलाओं को नई नौकरियां प्रदान करना.

समाज में जागरूकता लाना.

महिला सदस्यों में स्वयं सहायता और आत्मविश्वास की भावना को जागृत करना.

समूह के माध्यम से गरीब महिलाओं को संगठित करना, उन्हें स्वयं के उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करना.

संगठन में शक्ति है जब गरीब महिला इकट्ठा होंगे तभी गरीब महिलाऐ समाज व्याप्त बुराईयो से लड़ पाऐगी, इसका बोध कराना.

रोजगारके साथ-साथ स्वरोजगार के दुआरा गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयास करना.

स्थानीय संसाधनों को चिन्हित कर उन्हें उपयोग में लाना.

श्रम आधारित नए रोजगारों का सृजन करने वाले क्षेत्रों को बढ़ावा देना.

हस्तशिल्प,हाथकरघा, कृषि, पशुपालन एवं सिलाई-कढाई जैसे उद्योगों को प्रोत्साहित कर उनमें महिलाओं को रोजगार दिलाना.

महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित विभिन्न खाद्यान्न जैसे अचार, पापड़,दलिया, अगरबत्ती मुरब्बा इत्यादि का व्यापार करके महिलाओं के बच्चों के पोषण तथा विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना.

समूह के सदस्यों के अंदर नेता बनने की आदत को विकसित करना.

Self Help Groups के उद्देश्य

स्वयं सहायता समूह का मुख्य कार्य ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जागृत करना है.

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहायता करना.

बैंक और ग्रामीण जनता के बीच आपसी विश्वास को बढ़ाना.

वित्तीय संस्थाऐ जैसे बैंक,NBFC बैंक आदि समाज के जिन वर्गों तक नहीं पहुंच पाती हैं,समाज के उन वर्गों में बचत की आदत और ऋण की सुविधा के लिए प्रोत्साहित करना.

संवेदी और समानुकूल निर्धनों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करना.

समूह की महिलाओं को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराना.

सामाजिक मुद्दों पर लोगों को जागरूक करना.

अपने गांव की विकास योजना कैसे देखें?

Self Help Groups के लाभ

Self Help Groups का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना है, साथ ही साथ उनके बीच कौशल का विकास कर करना भी है.

आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को Self Help Groups के जरिए ऋण देकर उन्हें नए उद्योग को स्थापित करने में मदद करना.

Self Help Groups के माध्यम से बाल-विवाह, दहेज प्रथा, शराब जैसी कुप्रथाओं को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करना.

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स्वयं सहायता समूह का रजिस्टर

स्वयं सहायता समूह में कितने रजिस्टर होते हैं-

1. सदस्यता रजिस्टर

2. उपस्थिति और कार्यवाही पुस्तिका

3. नकदी रजिस्टर

4. सदस्यवार बचत / ऋण रजिस्टर

5. सदस्यों को पास बुक जारी करनी चाहिए, जिसमें बचत और ऋण विवरण अलग-अलग पेज पर दर्शाना चाहिए.

SHG के पाँच सूत्र

1.-नियमित बचत

2.-नियमित बैठक

3.-नियमित खाता का पालन और लेखाकर्म

4.-नियमित भुगतान

5.-Self Help Groups के नियमों और शर्तों का पालन करना

साथ ही एरिया लेवल फेडरेशन (ALF) क्लस्टर लेवल फेडरेशन(CLF) के बारे में बात करना

स्वयं सहायता समूह या Self Help Groups की आधिकारिक बेवसाईट पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते है. आधिकारिक बेवसाईट के लिए यहॉ क्लिक करे.

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स्वयं सहायता समूह में कौन कौन सी नौकरी आ रही है?

Self Help Groups के सदस्यों को प्रधानमंत्री ड्रोन सखी, बैंक सखी,BC सखी, बिजली सखी की नौकरी, जल सखी की नौकरी, कृषि सखी की नौकरी पा सकते हैं.

समूह के अध्यक्ष का क्या काम है?

अध्यक्ष को संगठन में सर्वोपरि सदस्य माना जाता है. अध्यक्ष अपने संगठन के सभी सदस्यों का मार्गदर्शन करता है.

समूह में कोषाध्यक्ष का क्या काम है?

कोषाध्यक्ष समूह के धन का प्रबंधन करता है. ऋण वितरण और ऋण संग्रह का काम भी कोषाध्यक्ष करता है.

स्वयं सहायता समूह कौन कौन से कार्य करते हैं Self Help Groups

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