आदर्श आचार संहिता: यह क्या है, क्यों और कब लागू की जाती है? यह कैसे काम करती है?

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आदर्श आचार संहिता: यह क्या है, क्यों और कब लागू की जाती है? यह कैसे काम करती है?:– हमारे भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष रुप से कराने के लिए, भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने दिशानिर्देशों का एक प्रारुप तैयार किया है जिसे आदर्श आचार संहिता,Model Code of Conduct (MCC) के रूप में जाना जाता है. आज हमारे इस आर्टिकल का उद्देश्य आपको यह बताना है कि आदर्श आचार संहिता: यह क्या है, क्यों और कब लागू की जाती है? यह कैसे काम करती है? इस पर हम आपको पूरी जानकरी बिंदुवार प्रदान करेगे.जिसके दुआरा आप समझ सकेगे कि एमसीसी क्या है.

आदर्श चुनाव आचार संहिता क्‍या है?

Model Code of Conduct (MCC) इसे हिंदी में “आदर्श चुनाव आचार संहिता” भी कहा जाता है, भारत के चुनाव आयोग दुआरा बनाये गये नियमों और दिशानिर्देशों का एक लिखित दस्तावेज है जिसका सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान पालन करना होता है. यह नैतिक व्यवहार, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने और चुनावी प्रक्रिया की गरिमा बनाए रखने के लिए मानक निर्धारित करता है.आज हम इस लेख मे स्पष्ट करेगे कि आदर्श आचार संहिता: यह क्या है, क्यों और कब लागू की जाती है? यह कैसे काम करती है?

Model Code of Conduct (MCC) का महत्व

आदर्श आचार संहिता का कार्यान्वयन कई कारणों से आवश्यक है.

सबसे पहले, यह सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए समान अवसर को बढ़ावा देता है, जिससे किसी विशेष पार्टी को कोई अनुचित लाभ मिलने से रोका जा सकता है. यह सुनिश्चित करता है कि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष रहे, जिससे मतदाताओं को बिना किसी द्वाब के मतदान करने की अनुमति मिले.

दूसरे, एमसीसी का लक्ष्य चुनावी उद्देश्यों के लिए सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को रोकना है. यह चुनाव प्रचार गतिविधियों के लिए सरकारी मशीनरी, जैसे वाहनों और अधिकारियों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है. यह सुनिश्चित करता है कि सार्वजनिक संसाधनों का उपयोग पूरी आबादी के लाभ के लिए किया जाए, न कि किसी विशिष्ट राजनीतिक दल के लाभ के लिए.

तीसरा, आदर्श आचार संहिता चुनाव अभियानों की मर्यादा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह घृणा फैलाने वाले भाषणों, व्यक्तिगत हमलों और धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव पर रोक लगाता है. एक नागरिक और सम्मानजनक भाषण को बढ़ावा देकर, एमसीसी एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देता है जहां स्वस्थ बहस और चर्चा हो सकती है, जिससे मतदाताओं को विभाजनकारी रणनीति के बजाय महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिलती है.

आदर्श आचार संहिता का कार्यान्वयन

इस अवधि के दौरान, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को एमसीसी में निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करना आवश्यक है. संहिता का अनुपालन करने में विफलता के परिणामस्वरूप सख्त कार्रवाई हो सकती है, जिसमें फटकार, जुर्माना और यहां तक ​​कि चुनाव से अयोग्यता भी शामिल है. चुनाव आयोग, विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों के साथ, एमसीसी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के आचरण पर बारीकी से निगरानी रखता है.

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Model Code Of Conduc कब से लागू होती है?

भारत में चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू कर दी जाती है. जैसे ही चुनाव आयोग चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करता है, एमसीसी तुरंत प्रभाव से लागू हो जाती है.

आचार संहिता कब तक लगी रहेती है?

आदर्श आचार संहिता वोटों की गिनती और नतीजों की घोषणा सहित चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहती है.

आचार संहिता के मुख्‍य नियम क्‍या हैं?

चुनाव आयोग दुआरा बहुत से नियम बनाये है. जिनमे से कुछ प्रमुख नियम हम यहॉ पर दे रहे है. इन नियमो का पालन करना प्रत्येक दल और प्रत्याशी के लिए जरुरी है.इन नियमो का पालन न करने पर चुनाव आयोग दुआरा पार्टी या उम्मीदवार को अयोग्य भी घोषित किया जा सकता है.

आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी तरह की सरकारी घोषणाएं नही की जा सकती है.

किसी भी परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन का कार्यक्रम नहीं किया जा सकता है.

किसी भी दल, पार्टी, प्रत्याशी या समर्थक को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले सकक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होगी.

कोई भी राजनीतिक दल ,पार्टी या प्रत्याशी जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है, न ही वह ऐसी किसी गतिविधि में शामिल हो सकता है, जिससे धर्म या जाति के आधार पर मतदान प्रभावित हो सकता हो.

बिना अनुमति के किसी की ज़मीन, घर या सरकारी परिसर की दीवार पर पार्टी के झंडे, बैनर आदि नहीं लगाऐ जा सकते है.

मतदान बूथों के आस- पास राजनीतिक दल और उम्मीदवारों के मतपर्ची शिविर में भीड़ इकट्ठा नही होनी चाहिए. मतपर्ची शिविर साधारण हों और वहां पर किसी भी तरह की प्रचार सामग्री उपलब्ध न हो साथ ही किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री भी न परोसी जाऐ.

आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग की अनुमति के बिना किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं किया जा सकता है.

मतदान केंद्र से 200 मीटर के दायरे में प्रचार पर रोक.

MCC
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आदर्श आचार संहिता की मुख्‍य विशेषताएं क्‍या हैं?

आदर्श आचार संहिता देश,संगठन या समाज के सदस्यों के बीच विश्वास, सहयोग, और समर्पण को बढ़ावा देती है और देश,संगठन या समाज को स्थायी विकास और सफलता की दिशा में आगे बढ़ाती है.

आदर्श आचार संहिता का काम देश, संगठन या समाज के सदस्यों को निर्देशित करना है और उन्हें उच्चतम मानकों और नैतिकता के अनुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करना है.

भारत में चुनावों की अखंडता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता एक आवश्यक नियम है. नैतिक व्यवहार के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश प्रदान करके, यह सुनिश्चित करता है कि चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए. एमसीसी एक स्वस्थ और सम्मानजनक चर्चा को भी बढ़ावा देता है, जिससे मतदाताओं को विभाजनकारी रणनीति के बजाय महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति प्रदान करता है. जिम्मेदार नागरिक के रूप में, सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए आदर्श आचार संहिता का पालन करना और निष्पक्ष और सम्मानजनक तरीके से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में योगदान देना महत्वपूर्ण है.

हमने आर्टिकल आदर्श आचार संहिता: यह क्या है, क्यों और कब लागू की जाती है? यह कैसे काम करती है? पर आपको अच्छी और सटीक जानकारी देने की कोशिश की है. उम्मीद है यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी.आपने विचार कमेंट मे जरुर दे.यह लेख ज्याद से ज्यादा शेयर करे ताकि अन्य लोगो को भी आदर्श आचार संहिता के बारे मे जानकारी हो सके.

धन्यवाद

FAQ

1.चुनाव से कितने दिन पहले आदर्श आचार संहिता लागू होती है?

भारत में चुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है. जैसे ही चुनाव आयोग चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करता है, एमसीसी तुरंत प्रभाव से लागू हो जाती है.

2.आदर्श आचार संहिता की शुरुआत कब हुई?

आदर्श आचार संहिता की शुरुआत 1960 के केरल विधानसभा चुनाव से हुई थी.

3.चुनाव प्रचार के लिए आदर्श आचार संहिता क्या है?

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के कराने लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं. इन नियमों को ही आचार संहिता कहा जाता है.आदर्श आचार संहिता की विस्तारित जानकारी के लिए आप भारत के निर्वाचान आयोग की आधिकारिक बेवसाईट पर बिजिट कर सकते है.

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