जन शिक्षण संस्थान योजना, Jan Shikshan Sansthan Kya Hai,जन शिक्षण संस्थान का मुख्य उद्देश्य क्या है? JSS

आज हम यहां जन शिक्षण संस्थान (Jan Shikshan Sansthan) के बारे में तथा इसके अंतर्गत चलने वाले Training Institute, कोर्स (Course), अवधि (Duration) ,फ़ीस (Fee),जन शिक्षण संस्थान योजना, Jan Shikshan Sansthan Kya Hai,जन शिक्षण संस्थान का मुख्य उद्देश्य क्या है? JSS क्या है आदि के बारे में जानेंगे और साथ ही यह भी जानेगे कि Jan Shikshan Sansthan कार्य कैसे करते है.

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जन शिक्षण संस्थान योजना– जन शिक्षण संस्थान यह एक सरकारी योजना है. इस योजना को पहले श्रमिक विद्यापीठ के नाम से भी जाना जाता था. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में नव साक्षर, गैर साक्षर और स्कूल छोड़ने वाले लोगों को व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें कार्य कुशल बनाना होता है. यह भारत सरकार की एक अनूठी योजना है और इसे वर्ष 1967 से देश में गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से चालू किया गया था. वर्ष 2000 में इस योजना का नाम बदलकर जन शिक्षण संस्थान Jan Shikshan Sansthan कर दिया गया. इसे जुलाई 2018 में शिक्षा मंत्रालय तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया था. जेएसएस न्यूनतम लागत और बुनियादी ढांचे के साथ लाभार्थियों को उनके दरवाजे पर व्यवसाय कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान कर, उन्हें कार्य कुशल बनने में मदद करती है. जन शिक्षण संस्थान का अर्थ केवल व्यवसाय कौशल प्रदान करते हैं बल्कि जीवन कौशल को भी इसमे शामिल करते हुए जो लाभार्थियों को दैनिक जीवनयापन में मदद करते हैं.

यह अलग-अलग क्षेत्र में कार्य नहीं करते हैं बल्कि विभिन्न विभागों के साथ मिलकर प्रोग्राम चलते हैं.

वर्तमान समय में 25 राज्यों के साथ-साथ 7 केंद्रशासित प्रदेशों में लगभग 301 जन शिक्षण संस्थान कार्य कर रहे हैं. जिनमें से 17 JSS संस्थान निष्क्रिय है जबकि 83 नए Jan Shikshan Sansthan सरकार द्वारा स्थापित किया जा रहे हैं.

लाभार्थियों का वार्षिक एवरेज निकला जाए तो लगभग 4 लाख है. जिसमें से 85 परसेंट से अधिक महिलाएं इसका लाभ ले रही हैं.

जन शिक्षण संस्थान क्या है ?

जन शिक्षण संस्थान- भारत सरकार के Ministry of Skill Development And Entrepreneurship (MSDE) अर्थात कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा है. आपको बता दें जन शिक्षण संस्थान को पहले श्रमिक विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था. प्रथम श्रमिक विद्यापीठ की स्थापना मुंबई के बर्ली में हुई थी और इसे मुंबई सिटी सोशल काउंसिल एजुकेशन कमिटी वयस्क शिक्षा के क्षेत्र में एक स्वैच्छिक संगठन द्वारा संगठित करके चलाया गया था. इसके बाद सरकार ने इसकी सफलता को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से देश भर में श्रमिक विद्यापीठ स्थापित करने के लिए कार्य किया. श्रमिक विद्यापीठ का कार्य शहरी क्षेत्र के श्रमिकों से हटकर ग्रामीण क्षेत्र के वंचित व्यक्तियों जैसे गैर साक्षर, नव साक्षर, अकुशल बेरोजगार युवाओं विशेष रूप से एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, दिव्यांग और महिलाओं पर अधिक ध्यान दिया गया.

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जन शिक्षण संस्थान शासनादेश:

भारत सरकार का शासनादेश कहता है कि गैर साक्षर, नव साक्षर, आठवीं तक की प्राथमिक शिक्षा और 14 से 45 वर्ष की 12 वीं कक्षा तक स्कूल छोड़ने वाले व्यक्तियों को अनौपचारिक शिक्षा देकर व्यवसाय कौशल प्रदान करना और उन्हें कार्य कुशल बनाना प्राथमिकता के तौर पर इसमें महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित, जनजाति, अल्पसंख्यक और समाज के अन्य पिछड़ा वर्ग को शामिल किया गया है. इन वर्गो लाभ देकर देश की मुख्य धारा में शामिल करना है.

Jan Shikshan Sansthan का मुख्य उद्देश्य:

जन शिक्षण संस्थान- का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना और लोगों को वित्तीय सहायता पहुंचाना.

प्रशिक्षण के माध्यम से पारंपरिक कौशल को पहचानना और उनको बढ़ावा देना.

सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों के ज्ञान और समझ के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना.

अन्य कौशल विकास विभागों एजेंसियों के साथ सहयोग करना.

राष्ट्रीय वैल्यू को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ ताल-मेल बिठाकर कार्य करना.

प्रत्येक 3 साल में एक बार जन शिक्षण संस्थान योजना के नियमित रूप से कार्यो की समीक्षा करना और लाभार्थियों पर जन शिक्षण संस्थान के प्रभाव का आकलन करना.

जन शिक्षण संस्थान कार्यान्वयन:

जन शिक्षण संस्थान- भारत सरकार के द्वारा 100 परसेंट अनुदान के साथ गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से चलाए जाते हैं. जन शिक्षण संस्थान सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अंतर्गत पंजीकृत होते हैं. जन शिक्षण संस्थान के मामले का प्रबंध भारत सरकार द्वारा अनुमोदित संबंधित प्रबंधन बोर्ड द्वारा किया जाता है.

Jan Shikshan Sansthan मे संचालित कोर्स (JSS Course):

Jan Shikshan Sansthan- अब 23 क्षेत्रों में 50 पाठ्यक्रम पेश करता है, जिन Skill की स्थानीय बाजार में मांग है. उक्त 50 पाठ्यक्रमों में 120-270 घंटे का कार्यक्षेत्र कौशल का ज्ञान और 60 घंटे का रोजगार कौशल है. Jss के आधिकारिक वेबसाइट पर अब 23 सेक्टर से समन्धित कोर्स है.जो अधिकतर 105 दिन के कोर्स है.जबकि कुछ 75 दिन के कोर्स है. जेएसएस योजना के तहत पेश किए जा रहे पाठ्यक्रमों का क्षेत्रवार विवरण इस प्रकार है-

1.फूड प्रोसेसिंग (Food processing)

2.परिधान (Apparel)

3.आईटी सेक्टर ( IT- ITES)

4.हैंडीक्राफ्ट एंड कारपेट (Handicrafts & Carpet)

5.इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर ( Electronics & Hardware)

6.ऑटो सेक्टर

7.ब्यूटी & वैलनेस

8.कैपिटल गुड्स & मैन्युफैक्चरिंग

9.डोमेस्टिक वर्कर

10.प्लंबिंग

11.टेक्सटाइल & हैंडलूम

12. कृषि Agriculture

13. निर्माण Construction

14.पर्यटन और आतिथ्य

15.कपड़ा और हथकरघा

16.रबर उद्योग

17.शक्ति Power

18.खुदाई Mining

19.संगठित खुदरा Organised Retail

20.चमड़ा Leather

21.हाइड्रोकार्बन Hydrocarbon

22.पेंट और कोटिंग्स Paints & Coatings

23.परिवहन, रसद एवं भण्डारण Transportation, Logistics & Warehousing

जन शिक्षण के कोर्स फी( Jss course Fee):

Jan Shikshan Sansthan में उपलब्ध कोर्सों की फीस के बारे में बात करें. तो यह Jan Shikshan Sansthan के सरकारी कोटे के अन्तर्गत आने वाली सीट पूरी तरह से निशुल्क शिक्षा प्रदान करते हैं. इन कोर्सों के लिए कोई फीस पे नहीं करनी पड़ती है, जबकि गैर सरकारी सीटों पर फीस ली जा सकती है. स्व वित्तपोषित फीस का कोई निश्चित मानक नहीं है. यह जन शिक्षण संस्थान के स्थानीय संगठन पर निर्भर करता है. कितनी फीस चार्ज करते हैं.

Jan Shikshan Sansthan का कार्य-क्षेत्र:

Jan Shikshan Sansthan- व्यवसायिक जागरूकता के लिए कार्य करते हैं. यह व्यावसायिक शिक्षा, सामान्य जागरूकता और जीवन संवर्धन को शामिल करते हुए, एक सर्वव्यापी पाठ्यक्रम एवं शिक्षण मॉडल तैयार करते हैं. जिसके द्वारा लोगों में कौशल शिक्षण के साथ जोडा जा सके.

Jan Shikshan Sansthan- प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय, राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान और महानिदेशक रोजगार एवं प्रशिक्षण द्वारा डिजायन किए गए पाठ्यक्रमों के समक्ष प्रशिक्षण प्रदान करते हुए प्रोत्साहित करते हैं. यह प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए संसाधन संपन्न व्यक्तियों और मास्टर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं. सरल परीक्षण और पुरस्कार प्रमाण पत्र प्रकाशित करते हैं. प्रशिक्षण प्राप्त लोगो के लिए उपयुक्त प्लेसमेंट हेतु नियुक्ताओं और उद्योगों के साथ नेटवर्क स्थापित करते हैं. जिससे Jan Shikshan Sansthan पर कार्य करने- सिखाने वाले लोगों को रोजगार मिल सके.

अपनी JSS योजना का चयन कैसे करे

Jan Shikshan Sansthan हम को आपने लिए JSS कोर्स जानने के लिए निम्न चरणों को फॉलो करना होगा-

सबसे पहले जन शिक्षण संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.

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जन शिक्षण संस्थान का होम पेज स्क्रीन पर दिखाई देता है फिर FIND JSS दिए गए लिंक पर क्लिक करें.

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उसके बाद स्क्रीन पर दो विकल्प दिखाई दें. जो है सर्च बाय लोकेशन और सर्च बाय कोर्स अब अपनी सुविधा अनुसार दो पसंदीदा विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चयन करने के बाद

आगे बढ़े चयन Search होने पर सर्च बाय लोकेशन के माध्यम से अपने पसंदीदा स्थान का चयन करें और

चयनित होने के पर सर्च MY कोर्स के माध्यम से पसंदीदा पाठ्यक्रम का चयन करें.

फिर उस विशेष क्षेत्र के लिए पाठ्यक्रमों की उपलब्धता के अनुसार संचालित होने वाले पाठ्यक्रम स्क्रीन पर दिखाई देंगे.

जिसमें से आप अपने पसंदीदा कोर्स का चयन कर सकते हैं और उसमें एंट्री लेकर आप कार्य से संबंधित स्किल प्राप्त कर सकते हैं.

जन शिक्षण संस्थान JSS की आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के लिए यहॉ क्लिक करे

FAQ

जन शिक्षण संस्थान का क्या उद्देश्य है?
  1. जन शिक्षण संस्थान- का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना और लोगों को वित्तीय सहायता पहुंचाना.
  2. प्रशिक्षण के माध्यम से पारंपरिक कौशल को पहचानना और उनको बढ़ावा देना.
  3. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों के ज्ञान और समझ के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना.
  4. अन्य कौशल विकास विभागों एजेंसियों के साथ सहयोग करना.
  5. राष्ट्रीय वैल्यू को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ ताल-मेल बिठाकर कार्य करना.
Jan Shikshan Sansthan की स्थापना कब हुई थी?

जन शिक्षण संस्थान को पहले श्रमिक विद्यापीठ के नाम से जाना जाता था. प्रथम श्रमिक विद्यापीठ की स्थापना मुंबई के बर्ली में हुई थी और इसे मुंबई सिटी सोशल काउंसिल एजुकेशन कमिटी वयस्क शिक्षा के क्षेत्र में एक स्वैच्छिक संगठन द्वारा संगठित करके चलाया गया था.

जन शिक्षण संस्थान कैसे खोलें?

नये जन शिक्षण संस्थान स्थापित करने के लिए खुले विज्ञापनों के माध्यम से निविदा आमंत्रित की जाती है.

नये JSS की स्थापना के लिए अनुरोध प्रस्ताव (आरएफपी) को बुलाया जाएगा.

आवेदनो की जांच-मूल्यांकन, क्षेत्र का दौरा, मूल्यांकन और रैंकिंग की पूरी प्रक्रिया Third Party की विशेषज्ञ एजेंसी द्वारा नियंत्रित की जाती है. इस पूरी प्रक्रिया होने के बाद नये जन शिक्षण संस्थान खोलने की अनुमति प्रदान की जाती है.

Jan Shikshan Sansthan के लिए कौन पात्र है?

जन शिक्षण संस्थान शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े और शैक्षणिक रूप से वंचित समूहों के स्त्री- पुरुषों, युवाओं, स्व-रोज़गार, नव-साक्षर, भावी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ-साथ बेरोजगारों व्यक्ति इस योजना हेतु पात्र होगे.

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