प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जून को वाराणसी दौरे के दौरान “पारदर्शी किसान सेवा योजना 2024″ का शुभारंभ किया. इसे हम किसान सेवा योजना और किसानों के लिए योजना के रूप में जानते हैं.
यह योजना किसानों के कल्याण और उनकी आय बढ़ाने की मुख्य पहल है. किसानों को उनकी फसलों की उपज पर मुआवजा मिलेगा। सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर यह भुगतान किया जाऐगा.
इससे किसानों को उनकी उपज के लिए उचित मूल्य मिलेगा. जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी.
किसानों के प्रमुख मुद्दे
- किसानों को उनकी फसलों के उचित मूल्य प्रदान करना
- किसानों की आय बढ़ाना
- कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता लाना
- किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रमुख पहल
- योजना के तहत किसानों को मुआवजा प्रदान करना
किसानों के कल्याण के लिए भारत सरकार की पहल
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना फरवरी 2019 में शुरू हुई थी. इस योजना में, सीधे किसानों के बैंक खातों में हर साल 6,000 रुपये जमा किये जाते हैं. अब तक, 11 करोड़ से अधिक किसानों ने इस योजना से 3.24 लाख करोड़ रुपये का लाभ उठाया है. यह उनकी कृषि और अन्य जरूरतों की पूर्ति में सहायक है.
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई)
प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (पीएम-केएमवाई) 12 सितंबर 2019 को आरंभ हुई थी. इसमें, छोटे और सीमांत किसान (एसएमएफ) महीने में 55 से 200 रुपये का योगदान देते हैं. सरकार भी समान राशि का योगदान करती है. 60 वर्ष की आयु में किसानों को 3,000 रुपये पेंशन प्राप्त होती है.
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)
प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) 2016 में आरंभ हुई थी. यह योजना किसानों को फसल के नुकसान से बचाती है. सरकार उनकी बीमा पावती में सब्सिडी प्रदान करती है. 2016-17 से अब तक, 5549.40 लाख किसानों को 150589.10 करोड़ रुपये का लाभ मिला है.
कृषि अवसंरचना और वित्तपोषण
संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना किसानों को मदद करती है. यह योजना किसानों को कम ब्याज पर कृषि ऋण दिलाती है. इस योजना में यदि किसान समय पर ऋण चुका देता है, तो उसे और भी सब्सिडी मिलती है.
कन्ट्रोल एवर देने से उसकी रकम में 4% की कमी आती है. 5 जनवरी 2024 तक, 465.42 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी किए गए हैं.
संशोधित ब्याज सब्सिडी योजना (एमआईएसएस)
कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ) ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज की शुरुआत की. एआईएफ योजना में 1 लाख करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया जाएगा.
इस ऋण पर 3% की ब्याज सब्सिडी भी होगी. इसके साथ ही, क्रेडिट गारंटी कवर भी मिलेगी. योजना का लाभ किसान, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप, एफपीओ आदि को होगा.
कृषि अवसंरचना निधि (एआईएफ)
योजना | कुल बजट (करोड़ रुपये) | वृद्धि (पिछले वर्ष से) |
---|---|---|
किसान कल्याण | 1,15,532 | 5% |
कृषि अनुसंधान | 9,504 | 10% |
कृषि मंत्रालय | 1,25,036 | 5% |
मंत्रालय के व्यय का 77% प्रमुख योजनाओं के लिए है. पीएम-किसान योजना के लिए 2023-24 में 60,000 करोड़ रुपये आवंटित है.
किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन और संवर्धन
2020 में भारत सरकार ने “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन” के लिए योजना बनाई. इसके लिए 6,865 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है.
प्रत्येक एफपीओ को 3 साल तक 18 लाख रुपये की सहायता मिलेगी. और हर किसान के लिए 2,000 रुपये का ग्रांट और 2 करोड़ रुपये का क्रेडिट गारंटी फंड उपलब्ध होगा. 31 दिसंबर 2023 तक 7,774 एफपीओ सामिल हो गए हैं.
नई एफपीओ जोड़ने वाले उत्तर प्रदेश में 1,316 संगठन हैं. हर एफपीओ में कम से कम 11 किसान सदस्य होना जरूरी है. सरकार का लक्ष्य है कि 10,000 एफपीओ बनाएँ जाएँं. “पारदर्शी किसान सेवा योजना 2024” उत्तर प्रदेश में सभी एफपीओ को सहयोग प्रदान करेगी. एफपीओ को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे शिक्षित कार्मिकों की कमी और इकोनॉमिक कष्ट.
इन संगठनों को सहायता देने के लिए एफपीओ सेल स्थापित की गई है. एफपीओ से जुड़े 54 मुख्य पहलों से सहकारी समितियों को फायदा मिलेगा. एक PACS/LAMPS के कम्प्यूटरीकरण के लिए 31 राज्यों ने प्रस्ताव दिया है. इसमें 62,208 पैक्स शामिल हैं. 1100 नए एफपीओ को बनाने के लिए राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने काम कर रहा है.
कृषि उत्पाद | एफपीओ की संख्या |
---|---|
बागवानी उत्पाद | 378 |
दालें | 338 |
तिलहन | 231 |
मक्का उत्पाद | 48 |
औषधीय और सुगंधित फसलें | 101 |
गन्ना उत्पाद | 170 |
कुल एफपीओ | 1,316 |
इसके साथ ही 48,000 पैक्स CSC के रूप में ऑनबोर्ड हो चुके हैं और 1100 एफपीओ के आवंटन के बाद PACs FPO के रूप में कार्य करेंगें.
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम)
2020 में, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन (एनबीएचएम) शुरू हुआ.
इसका उद्देश्य वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को “स्वर्ण क्रांति” लक्ष्य तक ले जाना है.
मधुमक्खी पालन को कृषि का पांचवां इनपुट मान्यता दी गई
कृषि में, मधुमक्खी पालन को पांचवां इनपुट मान दिया गया है.
इसके साथ ही, 4 विश्व स्तरीय शहद प्रयोगशालाएं और 35 मिनी के प्रयोगशालाएं की स्थापना हुई है.
शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं
“मधुकांति” पोर्टल भी लॉन्च हुआ है. इसमें अब तक 23 लाख मधुमक्खी कॉलोनियों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है.
मधुकांति पोर्टल लॉन्च किया गया
ये पहले कदम हैं राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन की दिशा में. राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन मिशन, मधुमक्खी पालन, शहद उत्पादन को प्रेरित करने से यहाँ कुछ प्रगति होगी.
पारदर्शी किसान सेवा योजना 2024
योजना का उद्देश्य और लाभार्थी
पारदर्शी किसान सेवा योजना 2024 का लक्ष्य है किसानों को उचित मूल्य देना. इस से उन्हें जैसा मुआवजा मिलेगा, उनकी आय में वृद्धि होगी.
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता मानदंड
पात्रता मानदंड पूरा करने वाले किसान अपने बैंक खाते में मुआवजा पा सकेंगे. इसके लिए, उन्हें आवेदन करना होगा.
लाभ और सुविधाएं
किसानों को उनकी उपज के लिए मुआवजा मिलेगा इस योजना के तहत।7 यह मुआवजा निर्धारित दरों से दिया जाएेंगा, जिससे उनका मूल्य सामान्य होगा।
पारदर्शी किसान सेवा योजना
एक किसान को सरकार से सीधी और पारदर्शी सेवा प्राप्त होती है, जिसमें स्पष्ट संचार होता है और कोई बिचौलिया शामिल नहीं होता है. किसान इस योजना से खुश और संतुष्ट दिखाई दे रहा है, प्रदान की गई सेवाओं के कारण उसके खेत लहलहा रहे हैं.
कृषि बाजार हस्तक्षेप
कृषि मंत्रालय किसानों को उचित मूल्य प्रदान करता है. इसके लिए कई बाजार हस्तक्षेप योजनाएं को शुरू किया गया है. ये योजनाएं मुख्य रूप से बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) और मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) हैं.
बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस)
एमआईएस का मुख्य उद्देश्य किसानों को उचित मूल्य प्रदान करना है. यह योजना अनाज, तिलहन, कपास जैसी वस्तुओं को ध्यान में रखती है. किसानों को इससे लाभ होता है क्योंकि उन्हें उनके उत्पादों के लिए अच्छा मूल्य मिलता है.
मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस)
पीएसएस के तहत, दलहन, तिलहन, नारियल जैसी सामग्रियों की खरीद की जाती है. इससे किसानों को उचित मूल्य प्राप्त होता है. उनकी आय में इससे वृद्धि होती है.
यह योजनाएं सरकार की किसानों के लिए साथी का काम करती है. उनकी आजीविका को सुरक्षित रखने के साथ-साथ, उचित मूल्य प्रदान करना भी उनका ध्यान रखा जाता है.